पाकिस्तानी सेना: शक्ति, भूमिका और चुनौतियों का विश्लेषण
पाकिस्तानी सेना का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद पाकिस्तानी सेना का गठन हुआ। यह देश की सुरक्षा और संवैधानिक हितों की रक्षा करने वाली प्रमुख संस्था के रूप में उभरी। शुरुआती दशकों में इसने भारत के साथ युद्धों और आंतरिक अस्थिरता का सामना किया।
संगठनात्मक संरचना
- थल सेना: 5.5 लाख सक्रिय जवानों के साथ दुनिया की छठी सबसे बड़ी सेना
- वायु सेना: आधुनिक F-16 और JF-17 लड़ाकू विमानों से लैस
- नौसेना: चीन से प्राप्त सबमरीन और फ्रिगेट्स की मदद से समुद्री सीमा सुरक्षा
राजनीति में भूमिका
पाकिस्तानी सेना ने देश के 75 वर्षों में 30 साल सीधे शासन किया। 1999 में परवेज मुशर्रफ के तख्तापलट से लेकर वर्तमान में छाया शासन तक, यह संस्था नीति निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाती रही है।
सुरक्षा चुनौतियाँ
पश्चिमी सीमा पर आतंकवाद, बलूचिस्तान में अलगाववाद, और पाकिस्तानी सेना की भारत के साथ सीमा पर तनाव प्रमुख समस्याएँ हैं। 2019 के पुलवामा हमले के बाद से दोनों देशों के संबंध और तनावपूर्ण हो गए हैं।
भविष्य की रणनीति
- चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) की सुरक्षा सुनिश्चित करना
- ड्रोन तकनीक और साइबर वॉरफेयर में निवेश
- अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के साथ समन्वय
क्या आपको लगता है कि पाकिस्तानी सेना की नीतियाँ क्षेत्रीय शांति के लिए प्रभावी हैं? टिप्पणियों में अपने विचार साझा करें!
अंतर्राष्ट्रीय खेलों में नेतृत्व के बारे में जानने के लिए Pat Cummins: Australia’s Cricket Captain Dominating 2025 पढ़ें।
Trending in India • 26 Oct 2025 00:25
Source: https://www.livehindustan.com/national/why-pakistan-restricts-airspace-ahead-of-india-trishul-exercise-along-border-201761374542408.html
Comments
Post a Comment