रूस-यूक्रेन युद्ध: संघर्ष की जड़ें, वर्तमान स्थिति और भविष्य
संघर्ष का ऐतिहासिक संदर्भ
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव की जड़ें सोवियत संघ के विघटन (1991) तक जाती हैं। यूक्रेन की पश्चिमी झुकाव वाली नीतियों को रूस हमेशा से अपने लिए खतरा मानता रहा है। 2014 में क्रीमिया के विवादित विलय ने इस संघर्ष को नया मोड़ दिया।
रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रमुख कारण
- नाटो का विस्तार: रूस यूक्रेन के नाटो में शामिल होने को रणनीतिक खतरा मानता है
- ऊर्जा संसाधनों पर नियंत्रण
- डोनबास क्षेत्र में अलगाववादी संघर्ष
- सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान का टकराव
वर्तमान युद्ध की स्थिति
फरवरी 2022 से चल रहे इस संघर्ष में अब तक 5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। व्लादिमीर पुतिन की रणनीति ने पश्चिमी देशों को चुनौती में डाल दिया है। हाल के महीनों में युद्ध के नए चरण में ड्रोन हमलों और ऊर्जा बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया जा रहा है।
वैश्विक प्रभाव
- अंतर्राष्ट्रीय तेल और गैस की कीमतों में उछाल
- खाद्य सुरक्षा संकट (विशेषकर गेहूं आपूर्ति में)
- EU देशों में शरणार्थी संकट
- भारत सहित विकासशील देशों पर आर्थिक दबाव
भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध दीर्घकालिक भू-राजनीतिक बदलाव लाएगा। चीन और भारत जैसे देश नई कूटनीतिक संभावनाएं तलाश रहे हैं। हाल में प्रकाशित हमारे लेख रूस-यूक्रेन युद्ध: कारण, प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं में इस पर विस्तार से चर्चा की गई है।
क्या आपको लगता है कि अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप से यह संघर्ष जल्द समाप्त हो सकता है? अपने विचार कमेंट में साझा करें!
Trending in India • 14 Aug 2025 07:27
Source: https://www.livehindustan.com/international/how-vladimir-putin-gets-victory-even-before-meeting-with-donald-trump-201755080742726.html
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